इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ वेजिटेबल रिसर्च ( भारतीय सब्जी अनुसंधान संसथान ) IIVR , वाराणसी ने अपने सालों की मेहनत के बाद लाल भिंडी (रेड लेडी फिंगर ) की नई प्रजाति ‘काशी लालिमा’ विकसित करने में सफलता पायी है।
लाल भिंडी की खासियत :
लाल भिंडी कई मायनों में अनूठी है। विशिष्ट पौस्टिक गुणों से युक्त ये भिंडी आम तौर पर प्रचलित हरी भिंडी से कई मायनों में लग है। लाल भिंडी एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होगी साथ ही इसमें कैल्शियम , आयरन , पोटैशियम और विटामिन A की मात्रा भी सामन्य भिंडी से अधिक होगी। इसके अलावे भिंडी में मौजूद सामान्य गुण जैसे की फाइबर, पैक्टिन आदि तत्व पहले की तरह ही रहेंगे जो मधुमेह को नियंत्रित करने से लेकर, शरीर से विषैले तत्व के निष्पादन तक में सहायक होता है।
अब तक पश्चिमी देशों से होता था आयात :
वैसे तो भारत में लाल भिंडी पहले भी मिल जाती थी लेकिन ये पश्चिमी देशों से आयातित होती थी। अब भारतीय सब्जी अनुसंधान संसथान के अथक प्रयास की वजह से इसका उत्पादन भारतीय किसान भी कर सकते हैं।